A REVIEW OF SHIV CHAISA

A Review Of Shiv chaisa

A Review Of Shiv chaisa

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मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र

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आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

कंबु – कुंदेंदु – कर्पूर – गौरं शिवं, सुंदरं, सच्चिदानंदकंदं ।

शंकरं, शंप्रदं, सज्जनानंददं, शैल – कन्या – वरं, परमरम्यं ।

अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।

कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ shiv chalisa lyricsl सहस कमल में हो रहे धारी ।

O Lord, the beloved daughter of Maina on your own remaining provides to Shiv chaisa Your splendid visual appeal. O Wearer from the lion's skin, the trishul inside your hand destroys all enemies.

शिव पंचाक्षर स्तोत्र

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